।।एक मोड़।।
आज हूँ उस मोड़ पे , जिस मोड़ पे कोई नही
वक़्त बदले गा, दौर बदले गा, होगा कोई साथी साथ मे जिस दिन बता दूंगा ज़माने को अकेला मैं नही दौर था , तन्हा मैं नही दौर था,
गौर करे मोड़ पे दौर अक्सर बदलेंगे
बीते है कुछ लम्हे ऐसे , हुईं है बहुत गलतफैमियाँ
सब छोड़ दिया मैंने वक़्त पे आये गा लम्हा कभी ऐसा अकेला ना मैं रहूंगा तन्हा ना दौर होगा।
आज हूँ उस मोड़ पे खड़ा उम्मीद लिए दौर बदलेगा।।
आज हूँ उस मोड़ पे , जिस मोड़ पे कोई नही
वक़्त बदले गा, दौर बदले गा, होगा कोई साथी साथ मे जिस दिन बता दूंगा ज़माने को अकेला मैं नही दौर था , तन्हा मैं नही दौर था,
गौर करे मोड़ पे दौर अक्सर बदलेंगे
बीते है कुछ लम्हे ऐसे , हुईं है बहुत गलतफैमियाँ
सब छोड़ दिया मैंने वक़्त पे आये गा लम्हा कभी ऐसा अकेला ना मैं रहूंगा तन्हा ना दौर होगा।
आज हूँ उस मोड़ पे खड़ा उम्मीद लिए दौर बदलेगा।।
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