मैं शुभम , बहुत दिनों बाद कुछ लिख रहा हु उस वयक्ति के लिए जिसकी वजह से मैं हु और जिसकी दुनियां मेरे ईर्द गिरर्द मंडराती है।
मेरे पापा
पिता जो है जीता अपने बच्चो के लिए
पिता जो है मरता अपने बच्चो के लिए ।।
पिता जो है हँसता अपने बच्चो के लिए
पिता जो है रोता अपने बच्चो के लिए।।
पिता जो कमाता है अपने बच्चो के लिए
पिता जो बचाता है अपने बच्चो के लिए
अपने शौक मिटा ता है बच्चो के लिए
उम्मीद जगाता है अपने बच्चो के लिए
ख्वाब सजाता है अपने बच्चो के लिए
ज़ख्म छुपाता है मुश्कुरा के अपने बच्चो के लिए ,मुश्किलों से टकराता है अपने बच्चो के लिए
पानी से बर्फ बन जाता है अपने बच्चो के लिए
पिता जो है जीता अपने बच्चो के लिए
पिता जो है मरता अपने बच्चो के लिए ।।
मेरे पापा
पिता जो है जीता अपने बच्चो के लिए
पिता जो है मरता अपने बच्चो के लिए ।।
पिता जो है हँसता अपने बच्चो के लिए
पिता जो है रोता अपने बच्चो के लिए।।
पिता जो कमाता है अपने बच्चो के लिए
पिता जो बचाता है अपने बच्चो के लिए
अपने शौक मिटा ता है बच्चो के लिए
उम्मीद जगाता है अपने बच्चो के लिए
ख्वाब सजाता है अपने बच्चो के लिए
ज़ख्म छुपाता है मुश्कुरा के अपने बच्चो के लिए ,मुश्किलों से टकराता है अपने बच्चो के लिए
पानी से बर्फ बन जाता है अपने बच्चो के लिए
पिता जो है जीता अपने बच्चो के लिए
पिता जो है मरता अपने बच्चो के लिए ।।
Jhakas JANAB
ReplyDeleteAap ke lekh mai feeling hai isliye apni si lagti hai
SALUTE TO U
शुक्रिया गुरु
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