"है सुना मैन की झूठ का कोई अस्तित्व नही होता"
है सुना मैन की झूठ का कोई अस्तित्व नही होता,
बुरे लम्हो का कोई प्रीत नही होता ,
गीत बन जाती है यादें, याद आ जाते हैं जो किये थे सच्चे वादें।।
एक दिन अकेला था मैं खुद से मैन पूछा झूठे लोग है या झूठा है ये फ़साना,
सामने मैन देखा आईना उसने कहा सच्चा तू है झूठे लोग है ।
फ़साने को क्या दोष देना , खुद की परछाईं देख कर जब समझ गया कि ,
झूठ का कोई अस्तित्व नही होता।
।। है सुना मैन की झूठ का कोई अस्तित्व नही होता।।
@शुभ
है सुना मैन की झूठ का कोई अस्तित्व नही होता,
बुरे लम्हो का कोई प्रीत नही होता ,
गीत बन जाती है यादें, याद आ जाते हैं जो किये थे सच्चे वादें।।
एक दिन अकेला था मैं खुद से मैन पूछा झूठे लोग है या झूठा है ये फ़साना,
सामने मैन देखा आईना उसने कहा सच्चा तू है झूठे लोग है ।
फ़साने को क्या दोष देना , खुद की परछाईं देख कर जब समझ गया कि ,
झूठ का कोई अस्तित्व नही होता।
।। है सुना मैन की झूठ का कोई अस्तित्व नही होता।।
@शुभ
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